आरव मोक्ष की बात सुनकर मनिषा को गाड़ी निकालने को कहता है।
थोड़ी देर में सब राणा विला पहुंच गई थे। इस टाइम आरव और सिया दोनों दादी के रूम में थे। दादी आरव को कहती है कि मैं पंडित को फोन कर दिया है वह आते ही होंगे। तो आरव कहता है कि दादी पंडित की कोई जरूरत नहीं है हम शादी कोर्ट में करेंगे तो दादी कहती है। तुझे कुछ नहीं पता जब तक शादी पूरी रीति रिवाज से नहीं हो जाती तब तक शादी मनी नहीं होती तुम आजकल के बच्चे एक कागज के टुकड़े पर विश्वास करते हो एक कागज के टुकड़े से तुम्हारी शादी हो जाती है और इस कागज के टुकड़े से तुम सब शादी तोड़ देते हो मुझे नहीं पता तुमने कहा था कि शादी सिंपल होगी तो हम तुम्हारी शादी मंदिर में करवा दगे पर तुम्हारी शादी पूरी रीती रिवाज से होगी सिया शादी की यह बात सुनती है तो उसे
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